क्या है माता की अम्बुवाची वस्‍त्र की कहानी 

अंबुबाची वस्त्र, कामाख्या मंदिर में मनाए जाने वाले अंबुबाची मेले के दौरान भक्तों को

भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाने वाला गीला लाल कपड़ा होता है

माना जाता है कि इन दिनों में माता सती रजस्‍वला रहती हैं। न 3 दिनों में पुरुष भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते।

इन दिनों मां कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म के उत्सव का प्रतीक है.

इस मेले के दौरान तीन दिनों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.

इस मेले में देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस मेले में तांत्रिक सम्प्रदायों के साधु-संत भी आते हैं.

अंबुबाची मेला, असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में आयोजित होने वाला एक प्रमुख वार्षिक उत्सव है.

यह पूर्वी भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है. यह तपस्या का एक अनुष्ठान है, शक्ति अनुष्ठानों के साथ मनाया जाने वाला एक त्यौहार है