भारत के कुछ रहस्यमयी स्थान जिनके रहस्य से वैज्ञानिक भी हैरान है!

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Roopkund Lake  यह उत्तराखंड में 5029 मीटर की ऊंचाई में स्थित झील है जो की कंकाल झील के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसका यह नाम कंकाल झील इसलिए पड़ा क्योंकि 1942 में इस झील के किनारे 500 से भी अधिक कंकाल मिले थे, और वैज्ञानिकों के लिए यह रहस्य बना रहा कि इतने कंकाल यहां कैसे आये और इनकी मौत कैसे हुई है।

Jatinga Assam जटिंगा असम मे स्थित एक बहुत ही सुंदर छोटी सी वैली है। यह वैली जितनी सुंदर है इसका रहस्य भी उतना ही गहरा है। इस स्थान का रहस्य यह है कि यहाँ हर साल बहुत से पक्षी रहस्यमयी तरीके से समूह में आत्महत्या करते है और उससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि पक्षी सितम्बर अक्टूबर के महीनों में शाम के 7 बजे से 10 बजे के बीच ही आत्महत्या करते है।

Magnetic Hill, Ladakh यह पहाड़ी लदाख क्षेत्र में समुद्र तल से 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस पहाड़ी की खासियत यब है कि यदि आप इसके आगे गाड़ी रोक कर रखते हो तो गाड़ी नीचे की ना जाकर 20 किलोमीटर की गति से पहाड़ी की तरफ चढ़ने लगेगी। सिर्फ गाड़ी ही नही बल्कि अपने ऊपर से उड़ने वाले विमानों को भी यह अपनी तरफ खींचने लगती है।

Kongka La pass कोंगका दर्रा लदाख में भारत व चीन की सीमा के बीच मौजूद है। इस जगह में भारत और चीन की सरकार के विवादों के कारण कोई भी नहीं जाता। लेकिन वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थान पर बहुत बार यूएफओ (उड़न तश्तरी) देखा गया है, और यह यहां आम बात है।

Mayong Assam मायोंग असम का एक छोटा सा गांव है जो गुवाहाटी से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव को काला जादू का गांव कहा जाता है। कहा जाता है कि पूरी दुनिया मे काले जादू की शुरुआत इसी गांव से हुई थी। इस गांव का इतिहास महाभारत से भी जोड़ा जाता है जिसके अनुसार इस गांव के राजा भीम के बेटे घटोचकच थे।

Kodinhi, Kerala केरल में स्थित कोडिन्ही गांव जिसे की जुड़वां बच्चों का गाँव भी कहा जाता है। इस गांव में आपको जगह जगह पर जुड़वां लोग देखने को मिलेंगे। पूरे विश्व मे जुड़वा बच्चों का औसत प्रति 1000 बच्चों में 4 बच्चों का है

जबकि यहाँ प्रति 1000 बच्चों में से 45 बच्चों का औसत है जो की एशिया में सबसे ज्यादा है। गांव के लोगों का कहना है की जुड़वा बच्चों का औसत पिछले कुछ सालों में काफी बड़ा है।

Nidhivan, Vrindavan शाम होने के बाद इस मंदिर के सभी कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भगवान कृष्ण के लिए प्रसाद तथा राधा जी के लिए श्रृंगार का समान रखा जाता है और किसी को भी यहां जाने की अनुमति नही होती। 

निधिवन में 16000 के करीब ऐसे वृक्ष पाये जाते हैं जो सभी टेढ़े-मेढ़े आकार के हैं, कहा जाता है कि ये सभी पेड़ श्रीकृष्ण की गोपियां है जो रात को अपने रूप में आकर श्रीकृष्ण संग रास रचाते है और सुबह होते ही फिर से पेड़ों का रूप धारण कर लेते है।

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