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भारत में जल्द ही शताब्दी एक्सप्रेस की छुट्टी करने एक खास ट्रेन आ रही है जिसमें इंजन नहीं होगा। अब आप सोचेंगे कि फिर यह ट्रेन काम कैसे करेगी जब उसमें इंजन ही नहीं लगा होगा।
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सबसे पहले आपको बता दें कि यह ट्रेन सौ करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुई है। यह भारत में विकसित, ऊर्जा बचाने वाली पहली ऐसा ट्रेन होगी जो बिना इंजन के ट्रैक पर फर्राटा भरेगी।
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रेलवे अधिकारी दावा कर रहे हैं कि ट्रेन-18 नामक ये रेलगाड़ी भारतीय रेलवे के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। खासियत गिनवाते हुए उन्होंने बताया कि यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाली गाड़ियों की विकल्प बनेगी।
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इसमें 16 कोच होंगे और 1,128 यात्री इसमें एकसाथ यात्रा कर सकेंगे। ट्रेन में अलग से पावर कार नहीं जुड़ी जैसा कि आपको अन्य सभी ट्रेनों में देखने को मिलता है।
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इस ट्रेन से बेहद कम कार्बन उत्सर्जन होगा। अमूमन ऐसी ट्रेनों के विकास में 3-4 साल लग जाते हैं, मगर इसने सिर्फ 18 महीने में ऐसा कर दिखाया। ट्रेन की दोनों तरफ चालकों के लिए केबिन दिए गए हैं।
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ऐसे में ट्रेन को वापस मोड़ने का झंझट खत्म होगा। ट्रेन को दोनों ओर से आसानी से चलाया जा सकेगा। इसमें समय की बचत होगी। पूरी तरह से वातानुकूलित इस ट्रेन के भीतर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर खास इंतजाम किए गए हैं।
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यहां सुविधाओं और सुरक्षा का भी भरपूर ध्यान रखा गया है। जी हां, ड्राइवर समेत हर कोच में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।
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वहीं ट्रेन की एक्जक्यूटिव क्लास की बात करें तो उसकी सीटें घुमावदार बनाई गई हैं, जिन्हें ट्रेन की दिशा में सेट किया जा सकता है। ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम चालक के केबिन में होगा। इसके दरवाजे पूरी तरह आटोमेटिक होंगे।
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यानी, ट्रेन रुकने पर ही ये खुलेंगे और चलने से पहले बंद हो जाएंगे। इसकी सीढि़यां स्वत: खुलने वाली होंगी। हर कोच में ड्राइवर से आपातकालीन स्थिति में बातचीत के लिए इकाई लगाई गई है।
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