दुनिया का एक अनोखा गांव, जहां बच्चे घर की चारदीवारी में बंद रहते हैं

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दुनिया का एक अनोखा गांव भारत के उत्तराखंड राज्य में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम है "जौनपुर"। इस गांव में एक अजीब परंपरा है, जिसके अनुसार बच्चे घर की चारदीवारी में बंद रहते हैं।

परंपरा की शुरुआत इस परंपरा की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी, जब इस गांव में एक महामारी फैल गई थी। इस महामारी में कई बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद, गांव के लोगों ने यह फैसला किया कि वे अपने बच्चों को घर की चारदीवारी में बंद रखेंगे, ताकि उन्हें बाहरी दुनिया की बुरी नजरों से बचाया जा सके।

परंपरा का पालन आज भी इस गांव में यह परंपरा जारी है। गांव के बच्चे 5 साल की उम्र से लेकर 18 साल की उम्र तक घर की चारदीवारी में बंद रहते हैं। इस दौरान उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है।

परंपरा के पीछे का कारण इस परंपरा के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह परंपरा बच्चों को बाहरी दुनिया के बुरे प्रभावों से बचाने के लिए है। कुछ लोगों का मानना है कि यह परंपरा बच्चों की सुरक्षा के लिए है।

परंपरा के विरोधी इस परंपरा का कई लोग विरोध करते हैं। उनका मानना है कि यह परंपरा बच्चों के विकास के लिए हानिकारक है।

परंपरा के समर्थक इस परंपरा के कई समर्थक भी हैं। उनका मानना है कि यह परंपरा गांव की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है।

परंपरा के भविष्य को लेकर चिंता इस परंपरा के भविष्य को लेकर चिंता है। कुछ लोगों का मानना है कि यह परंपरा आने वाले समय में खत्म हो जाएगी।

परंपरा के बारे में सोचने वाली बातें यह परंपरा कई मायनों में अजीब और चौंकाने वाली है। यह परंपरा हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या बच्चों को बाहरी दुनिया से अलग करना सही है?

परंपरा को बदलने की जरूरत मेरा मानना ​​है कि इस परंपरा को बदलने की जरूरत है। बच्चों को बाहरी दुनिया के बारे में जानने का अधिकार है। उन्हें बाहर जाकर दुनिया को देखने और अनुभव करने का मौका मिलना चाहिए।

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