रायगढ़ | विधानसभा आम निर्वाचन-2023 (Assembly General Election-2023) हेतु आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गठित उडऩ दस्ता दलों एवं स्थैतिक निगरानी दलों द्वारा नगद राशि, मतदाताओं को बांटने हेतु, प्रलोभन देने वाली सामग्रियों के परिवहन पर निगरानी रखी जा रही है। 50 हजार से अधिक नगद धनराशि किसी व्यक्ति के द्वारा वाहन में पाये जाने पर उससे संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है।
कोई कारण/दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने और राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की आशंका होने पर उससे फ्लाइंग स्क्वाड, एसएसटी, पुलिस अधिकारियों द्वारा जप्त किया जा सकता है। उपरोक्त कार्य में नियुक्त दलों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है कि वह आम जनता से शिष्ट व्यवहार करें।
साथ ही आम जनता, व्यवसायी गण से अपील की जाती है कि आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए अनावश्यक बड़ी धन नगद राशि या धनराशि परिवहन करने से बचे।
50 हजार से अधिक लेकर चलने पर साथ रखें ये दस्तावेज
यदि 50 हजार से अधिक राशि के साथ यात्रा कर रहे है तो उसके संबंध में सुसंगत दस्तावेज जैसे कि बैंक पास बुक, बैंक खाता विवरण, आहरण रसीद व रजिस्टर इत्यादि साथ रखने सलाह दी जाती है। इसी प्रकार वस्तुओं के परिवहन के दौरान जीएसटी इनवॉइस एवं ई-वे बिल व साथ रखे जाने की सलाह दी जाती है।
जप्त नगद राशि व सामग्री इत्यादि को मुक्त करने के संबंध में अपील प्रस्तुति व निराकरण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
भारत निर्वाचन आयोग की उपरोक्त गाईड लाईन अनुसार आदर्श आचरण संहिता लागू रहने के दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल द्वारा उडऩदस्ता दलों, स्थैतिक निगरानी दलों या पुलिस अधिकारियों द्वारा जप्त नगद राशि/सामग्री इत्यादि को नियमानुसार मुक्त करने के संबंध में अपील प्रस्तुति/निराकरण हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। (Assembly General Election-2023)
उडऩदस्ता दलों, स्थैतिक निगरानी दलों या पुलिस अधिकारियों द्वारा जप्त नगद राशि/सामग्री इत्यादि को नियमानुसार मुक्त करने के संबंध में व्यथित व्यक्ति कक्ष क्रमांक-21 कार्यालय कलेक्टर रायगढ़ स्थित समिति के कार्यालय में सुसंगत दस्तावेजों सहित विधिवत आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
जब्त राशि दस लाख रुपए से ज्यादा होने पर आयकर विभाग द्वारा की जाती है नियमानुसार कार्यवाही
एफएसटी एवं एसएसटी द्वारा जब्त की गई राशि दस लाख रुपए से अधिक होने पर ऐसे मामले आयकर विभाग के सुपुर्द किए जाते हैं, जहां आयकर विभाग द्वारा कानून के अनुसार वापसी की कार्यवाही की जाती है। जिला स्तरीय समिति द्वारा दस लाख रुपए से कम की जब्ती के प्रत्येक मामले की जांच की जाती है।
समिति द्वारा यह पाए जाने पर कि मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी)के अनुसार जब्ती के संबंध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जहां जब्ती किसी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है.
तो समिति ऐसी नकदी को रिलीज करने के बारे में एक स्पीकिंग आदेश जारी कर इसकी वापसी के लिए रिलीज आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाती है। समिति जब्ती के सभी मामलों का अवलोकन कर इनकी वापसी के संबंध में निर्णय लेती है।
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