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2 करोड़ के बजट से बना स्टेडियम के स्विमिंग पूल के साथ सौतेला व्यवहार

रायगढ़।दो दिन पूर्व हुए स्टेडियम का उद्घाटन मंत्री उमेश पटेल एवं रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के द्वारा जिला प्रशासन की उपस्थिति स्टेडियम का उद्घाटन किया गया था, किंतु वहीं स्टेडियम में ही स्थित तरणताल/स्विमिंग पूल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, निर्माण के नाम पर बस खाना पूर्ति की जा रही है, बार-बार शिकायत होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, स्विमिंग पूल इतना गंदा हो चुका है कि उसमें किड़े पनपने लग गए हैं, पानी अपने पारदर्शी रंग से बदलकर हरा हो गया है, स्विमिंग पूल के अंदर पूरी तरह काई जम चुकी है, जिसकी साफ सफाई नहीं की जा रही है, स्टेडियम के स्टाफ को स्विमिंग पूल के बजाय बहार कार्य कराया जाता है, उक्त संबंध में स्विमिंग पूल में रजिस्टर्ड मेंबर्स के द्वारा शिकायत किए जाने पर रिसेप्शन में कार्यरत रीता बेहरा द्वारा *स्टेडियम प्रभारी विजय चौहान* को उक्त शिकायत के संबंध में अवगत कराया गया, तब उनका यह कहना था,

शिकायत करने दो उनका काम है, शिकायत करना, तुम टेकल कर लो

हमेशा विवादो से घिरे रहते है विजय चौहान*
जी हां जब उक्त संबंध में स्टेडियम प्रभारी विजय चौहान को शिकायत की गई तो उन्होंने यह कहा की शिकायत होता रहता है उनको शिकायत करने दो जो करना है करने दो तुम टेकल कर लो, विजय चौहान अपनी नाकामी पलड़ा हमेशा कभी क्लोरीन कमी तो कभी ब्लीच का तो कभी मेन पावर की कमी का रोना रोते रहते हैं, और जब यह बहाना खत्म हो जाता है तो वरिष्ठ अधिकारीगण नोटशीट में साइन नहीं कर रहे हैं, कह कर खुद को दोषमुक्त कर लेते हैं। वही आप देखे तो स्विमिंग पूल के बगल की नाली टूट चुकी है विश्राम करने के लिए लगाए गए टेंट फट चुके है, कई बार स्विमिंग पूल परिसर में सांप भी देखे गए है,

स्टेडियम में सबसे ज्यादा राजस्व स्विमिंग पूल से ही होता है।

स्टेडियम का स्विमिंग पूल ही एक ऐसा स्थान है जहां पर बड़े-बड़े राजपत्रित अधिकारी उद्योगपति एवं बड़े घराने के लोग आकर स्विमिंग किया करते थे, किंतु स्विमिंग पूल की हो रही दुर्गति के वजह से अब वह भी आना छोड़ रहें है।

स्विमिंग कोच शम्मी पुरसेठ का तो क्या कहना

इनका पैर एक जगह टिकता ही नहीं स्विमिंग पूल में आने वाले लोग इनका चेहरा देखने को तरस गए हैं, लोग शिकायत कर कर के थक चुके है, किंतु सुधार जीरो बटे सन्नाटा

बिना रजिस्टर्ड मेंबर्स अपना धौंस जमा कर फ्री में स्विमिंग पूल का आनंद लेते है, उनको विजय चौहान के द्वारा फ्री में ये सुविधा मुहैया कराई जाती है,

वही स्टेडियम के पुरुष स्टाफ के द्वारा महिलाओं के लिए बने महिला सज्जा कक्ष में घुस के नहाते है, शौच करते है, अगर कोई घटना घटी तो जिम्मेदारी कौन लेगा,

वो तो भला है जिंदल फाउंडेशन का जिसने स्टेडियम के स्विमिंग पूल में भी अपना सहयोग प्रदान किया जिसके वजह से कुछ निर्माण कार्य किए जा रहें है,

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