रायगढ़।सड़कों और नेशनल हाईवे में खुले घूमने वाले आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। पशुओं के गले में रेडियम बैंड लगाने और टैगिंग करने के साथ खुले में घूमने वाले पशुओं को गौशाला अथवा गौठान में विस्थापित भी किया जा रहा है। इसी क्रम में अब नेशनल हाईवे में पशुओं के खुले में विचरण की शिकायत व सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जिसमें शहरी क्षेत्र के लिए नंबर 1100 पर कॉल कर सूचना दी जा सकती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी 70000-23061 मोबाइल नंबर जारी किया गया है। इसी तरह नेशनल हाईवे के ग्रामीण इलाकों के लिए विशेष नोडल अधिकारी बनाये गये है जिसमें खरसिया ब्लॉक के लिए मोबाइल नंबर 96694-65241, रायगढ़ ब्लॉक के लिए 94241-85427 एवं पुसौर ब्लॉक के लिए मोबाइल नंबर 62611-62293 जारी किया गया है।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश में पूरे जिले में खुले में विचरण करने वाले पशुओं के गले में रेडियम बैंड और टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। अभी तक जिले में 2 हजार 17 पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट और 2 हजार 156 पशुओं की टैगिंग किया गया है। इसी के साथ ही करीब 783 पशुओं को सड़कों से गौशाला, गौठान व अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया है। इसी के साथ ही नगर निगम द्वारा आवारा पशुओं एवं पशुओं को खुले में छोडने वाले पशुपालकों पर 35 हजार 500 रूपए जुर्माने की कार्यवाही भी की गई है।
उल्लेखनीय हैं कि कलेक्टर श्री सिन्हा ने पालतू पशुओं को आवारा छोडऩे वालों पर कार्यवाही करने और अर्थदंड लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन विभाग के साथ नगर निगम आयुक्त को शहरी क्षेत्र में विशेष रूप से इस दिशा में कार्यवाही करने एवं नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग द्वारा कार्यवाही करने के साथ ही पशुओं का उपचार भी किया जा रहा है। इसी प्रकार निगम द्वारा शहरी क्षेत्रों में अभियान के तहत आवारा मवेशियों पर कार्यवाही करते हुए काउ कैचर के माध्यम से सड़कों से आवारा मवेशियों को संबलपुरी गोठान में विस्थापित कर, पशुओं को खुले में छोडऩे वाले पशुपालकों पर जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है।
पशुओं को खुले में छोडऩे पर कलेक्टर ने अर्थदण्ड की कार्यवाही का जारी किया है आदेश
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कलेक्टर सिन्हा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा घूम रहे पशुओं के पालकों पर कड़ाई से कार्यवाही किए जाने हेतु आदेश जारी किया है। जारी आदेश में पशु अतिचार अधिनियम 1871 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों में विचरण कर रहे पशुओं को कांजी हाउस में बंद कर पशुपालक के विरूद्ध धारा 12 के तहत अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान है। जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव को इसके लिए अधिकृत किया जाता है कि वे छ.ग.पंचायत राज अधिनियम, 1993 एवं पशु अतिचार अधिनियम, 1871 में निहित धाराओं एवं नियमों के तहत अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में खुले में पशुओं द्वारा फसलों की चराई करने, सड़कों, उद्यानों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण करते पाए जाने पर निकटतम कांजी हाउस में भेजकर पशुपालकों पर अर्थदण्ड की कार्यवाही की जावे। पशु अतिचार अधिनियम, 1871 के तहत पशुपालकों अधिकतम एक हजार रूपए एवं पुनरावृत्ति की दशा में राशि 500 रूपए जुर्माना का प्रावधान है। उन्होंने सभी ग्राम पंचायत सचिव को कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।