मृत्योपरांत मेरा शरीर किसी के काम आए मेरे लिये यह बहुत गर्व की बात है -विजय
रायगढ। विजय शर्मा जिनका आज जन्मदिवस है उन्होंने आज के दिन अपने शरीर को मेडिकल कालेज के छात्र छात्राओं के रिसर्च हेतु दान देकर बेहद खास बना दिया।
वे कहते है देह दान महादान सच मे इससे बड़ा दान और क्या हो सकता है जब तक किसी ब्यक्ति के मस्तिष्क और कंठ में ईश्वर का वाश न हो वो इतना बड़ा परित्याग कर ही नही सकता,शहर के केलोविहार निवासी विजय शर्मा पिता श्री जयंत कुमार शर्मा,माता श्रीमती नर्बदा शर्मा अपने घर मे सबसे छोटे है । और बचपन से उन्हें कुछ ऐसा करने की इच्छा थी जिससे वे दूसरों के काम आ सके,पेशे से आर टी ओ सलाहकार,रुचि उनकी गायकी में और समय समय पर समाजसेवा कर मन को बहलाते रहे,हमेशा से मन मे यह इच्छा की देहदान करना चाहिए पर घरवालों के सामने उन्हें अपने फैसले बदलने पड़ते थे इस बार 4 अगस्त 2023 जन्मदिन के दिन उन्हें लगा कि क्यों न जन्मदिन पर ही अपना देह दान कर दिया जाए,इस बार भी माता पिता भैया भाभी ने उन्हें रोकना चाहा किंतु वे अपने लक्ष्य पर तटस्थ रहे और अपने मित्र के साथ मेडिकल कालेज पहुँचकर प्रबंधन से फॉर्म लेकर प्रक्रियाएं पूरी की,मेडिकल कालेज प्रबंधन विभागाध्यक्ष एवम प्राध्यापक डा.अनिल शिर्के,सह प्राध्यापक डा. सुरजीत कुंडू,सहायक प्राध्यापक डा. ऋचा गुरू दीवान ने भी उनके नेक फैसले का अभिवादन किया सीरियल नम्बर में 67 वे नम्बर के दानी बनकर मेडिकल कालेज प्रबंधन को समस्त औपचारिक प्रक्रिया करते हुए मृत्योपरांत देहदान किया।
विजय शर्मा कहते है जीवन काल मे हम सांसारिक मोह माया में फंसे होते हैं,परिवार और नोकरी या बिजनेस की चिंता में लगे होते है आखिर मरने के बाद यह नश्वर शरीर माटी हो जाएगा किसी के काम तो आये यह देह,उससे अच्छा है कि आने वाली पीढ़ी उस शरीर से रिसर्च कर असाध्य बीमारियों से लोगो को बचा सके,मैने देहदान कर दिया अब दुसरो को भी प्रेरित करना है यही जीवन का लक्ष्य है।